क्या लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) जानलेवा है? जाने इसकी पूरी जानकारी

इस ब्लॉग में जाने “क्या लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) जानलेवा है? जाने इसकी पूरी जानकारी

लिवर सिरोसिस क्या है?

आज के शीर्षक में हम बहुत ही ज्यादा फैलने वाली बीमारी लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) के बारे में चर्चा करेंगे। बहुत से लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, परंतु लिवर से संबंधित किसी भी रोग को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

लिवर हमारे शरीर के अंगों में से एक महत्वपूर्ण अंग है जिसमें खराबी होने के कारण जोखिम उठाना पड़ सकता है। लिवर हमारे शरीर में एक साथ कई सारे कार्य करता है। लिवर हमारी पाचन क्रिया को सही रखता है। इसके साथ-साथ लिवर शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालने का कार्य करता है। यह खनिजों को एकत्र करने का भी कार्य करता है।

लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग होता है। यह लगभग 3 से 5 पाउंड का होता है। इसका रूप छोटे से फुटबॉल की तरह होता है। आज के शीर्षक में हम लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) से संबंधित चर्चा करेंगे तो आइए जानते हैं सबसे पहले कि सिरोसिस क्या होता है?

सिरोसिस (Cirrhosis) एक ऐसी बीमारी है जो कई सालों से लिवर को नुकसान पहुँचने के कारण होती है। जब हमारे शरीर में अस्वस्थ या संक्रमित कोशिकाएं लिवर में मौजूद स्वस्थ कोशिकाओं की जगह लेने लगती हैं तो लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता। 

लिवर को सही से काम करने के लिए लिवर में स्वस्थ कोशिकाओं का रहना अनिवार्य है। इनकी कमी से लिवर सिरोसिस हो जाता है। यह बात ध्यान देने की है कि सिरोसिस के कारण होने वाले नुकसान को ठीक नहीं किया जा सकता है। लिवर सिरोसिस के कारण आपका लिवर काम करना बंद भी कर सकता है जिसे यकृत (लिवर) विफलता भी कहा जाता है।

लिवर के सही से काम ना करने पर सिरोसिस घातक हो सकता है परंतु समय पर सही इलाज कराकर इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

सिरोसिस होने में कई साल लगते हैं। लिवर सिरोसिस कोई ऐसी बीमारी नहीं है जो व्यक्ति को फौरन ही हो जाए परंतु इसके होने में समय लगता है। सिरोसिस के शुरुआती चरणों में कुछ लक्षण दिखाई देते है। यह बढ़ते बढ़ते आखिरी चरण तक काफी गंभीर हो जाते हैं। 

शुरुआती अवस्था में सिरोसिस का कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होता इसीलिए लोग इस बीमारी को जानने से अनजान रहते हैं। 

यह बीमारी उस वक्त पता लगती है जब व्यक्ति किसी और बीमारी की जांच कराने जाता है इसीलिए निम्नलिखित कुछ लक्षणों में से यदि आप कोई लक्षण अपने अंदर पाते हैं तो चिकित्सक से फॉरेन संपर्क करें आइए जानते हैं कि लिवर सिरोसिस के लक्षण क्या है?

यह भी पढ़ें 

लिवर सिरोसिस के लक्षण 

  • जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि सिरोसिस के कोई भी खास लक्षण नहीं होते जब तक इस बीमारी का पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है और लिवर को क्षति हो चुकी होती है।
  • शुरुआती अवस्था में सिरोसिस होने पर व्यक्ति का लिवर ठीक ना होने के बावजूद सही से काम करने में सक्षम रहता है, परंतु आखिर में लक्षण उस वक्त दिखाई देते हैं जब लिवर सही से काम करना बंद कर देता है।
  • सिरोसिस के लक्षणों में से सबसे बड़ा लक्षण यही है कि व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तौर पर थकान और कमजोरी महसूस होती है। वे खुद को बहुत ज्यादा कमजोर महसूस करता है।

इसके अतिरिक्त-

  • भूख कम लगना। खाना खाने का मन ना करना। खाना ना खाने के बावजूद पेट भरा हुआ लगना।
  • वजन कम होने लगना
  • मांसपेशियों में दर्द होने लगना
  • बार बार मतली (nausea) और उल्टी महसूस करना
  • लिवर में या लिवर के आसपास दर्द महसूस होना
  • कमर से ऊपर की त्वचा पर छोटी लाल रेखाएँ दिखाई देना
  • त्वचा पर अत्यधिक खुजली होना
  • त्वचा का पीला पड़ना
  • आँखों का सफेद होना
  • पीलिया की शिकायत रहना
  • बार-बार नाक बहना या सर्दी जुखाम हो जाना
  • मसूढ़ों से खून आना
  • बालों का झड़ना
  • बुखार और कंपकंपी के दौरे पड़ना
  • पैरों, टखनों और पैरों में सूजन होना
  • पेट में सूजन रहना
  • व्यक्तित्व में बदलाव होना
  • नींद न आने की समस्या 
  • याददाश्त में कमी, चीजों को आसानी से और जल्दी जल्दी भूल जाना
  • भ्रम होना
  • ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई का अनुभव होना
  • पेट में दर्द होना
  • कंधे के दाहिने तरफ दर्द होना
  • खून की उल्टी होना
  • किसी चीज से आसानी से संक्रमित हो जाना
  • बार बार बुखार होना

लिवर सिरोसिस होने के कारण

शराब का सेवन

लिवर सिरोसिस होने का सबसे बड़ा कारण व्यक्ति का बहुत लंबे समय तक शराब का सेवन करना है। जो व्यक्ति ऐसा करता है उसको लिवर सिरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। शराब का सेवन लिवर सिरोसिस होने का सबसे बड़ा कारण होता है।

हेपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित होना

लिवर सिरोसिस होने का एक कारण हेपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित होना भी होता है। इसीलिए हेपेटाइटिस सी का टीका जरूर लगवाएं।

हेपेटाइटिस बी से संक्रमण 

जो लोग हेपेटाइटिस बी से संक्रमित होते हैं उनको सिरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए हेपेटाइटिस बी और सी का टीकाकरण जरूर करवाएं।

अनुवांशिकता (heredity) के कारण

यदि किसी वंश में किसी व्यक्ति को लिवर से संबंधित कोई समस्या रही हो तो नई जनरेशन को लिवर से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।

और भी पढ़ें –

नशीले पदार्थ या धूम्रपान का सेवन करने के कारण

जो लोग नशीली चीजों का सेवन करते हैं या धूम्रपान करते हैं उनके लिवर में क्षति हो जाती है। इससे लिवर सही से काम करना बंद कर देता है। इसके कारण सिरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है।

ऑटोइम्यून लिवर रोग के कारण

हमारे शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली आमतौर पर बैक्टीरिया और वायरस पर हमला करने के लिए एंटीबॉडी बनाती है। जिससे हमारा इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहे और हमें आसानी से कोई बीमारी ना हो पाए। प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) के कमजोर होने के कारण ही बीमारियां व्यक्ति पर हमला करती हैं।

जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली सही से कार्य नहीं करती या प्रतिरक्षा प्रणाली Immune System) व्यक्ति को नुक़सान पहुँचाने लगती है तो शरीर में ऑटोइम्यून नामक बीमारी हो जाती है। 

इसके अतिरिक्त-

कुछ दवाओं के उपयोग के कारण भी सिरोसिस हो सकता है जैसे कि एमियोडेरोन (Amiodarone) और मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate)। ये भी सिरोसिस का कारण बन सकते हैं।

लिवर सिरोसिस होने के कारण

बड चैरी सिंड्रोम या बुद्ध-च्यारी सिंड्रोम (Budd-Chiari syndrome) के कारण भी लिवर सिरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। बड चैरी सिंड्रोम रक्त के थक्कों के कारण होता है जो लिवर से खून ले जाने वाली नसों को अवरुद्ध करता है।

लिवर सिरोसिस का इलाज

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यदि किसी को एक बार लिवर सिरोसिस हो गया हो तो उसका इलाज करना बहुत मुश्किल है। सच पूछिए तो लिवर सिरोसिस का इलाज नहीं है। परन्तु इसके बारे में अभी शोध जारी है। डॉक्टर और वैज्ञानिक सिरोसिस के इलाज की खोज में लगे हुए हैं लेकिन फिलहाल अभी तक लिवर सिरोसिस का कोई भी इलाज नहीं है।

अगर यह एक बार हो गया तो ठीक नहीं होगा, परंतु इसके लक्षणों और जटिलताओं को संभालना संभव है। उन पर इलाज के द्वारा नियंत्रण पाया जा सकता है। सिरोसिस के प्रगति को धीमा भी किया जा सकता है।

इसके साथ-साथ लिवर सिरोसिस के कारणों को दूर करके भी इसका इलाज किया जाता है-

  • शराब का सेवन ना करें। कोशिश करें कि शराब से दूर रहें क्योंकि शराब हमारे लिवर को खराब कर देता है जिसके कारण लिवर सिरोसिस होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • हेपेटाइटिस बी और सी से संक्रमित व्यक्तियों पर इंजेक्शन और टीका के द्वारा नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके जरिए सिरोसिस की गति को धीमा जा सकता है। 
  • किसी भी व्यक्ति को लगातार सिरोसिस के लक्षण दिख रहे हो तो उसे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
  • आपके लिवर की क्षति को कम करने के लिए या उस पर नियंत्रण पाने के लिए आपको दवाएं दी जाएंगी। जैसे अगर आपको हेपेटाइटिस वायरल है तो आपको एंटी वायरल दवा दी जाएंगी। या कोई भी ऐसी दवा दी जाएगी जो आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत करे।

निष्कर्ष 

इस लेख में हमने लिवर सिरोसिस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। साथ ही लिवर सिरोसिस का इलाज भी बताया है। लिवर सिरोसिस एक घातक बीमारी है। इसके लक्षणों को पहचानना बेहद ज़रूरी है। 

विशेष:-

ध्यान रहे कि स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार का उपाय लागू करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। किसी भी उपाय को स्वयं पर सीधे लागू करने से पहले अपने स्वास्थ्य की दशा को जानें और डॉक्टर की सलाह के बाद ही इन उपायों को अपनाएँ।

इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में हो तो कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

Related Posts

Leave a Reply