बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज़ बारे में

इस ब्लॉग में जानिए “बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) क्या है? जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज़ बारे में”

बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) मीनिंग इन हिंदी / Bulimia Nervosa meaning in hindi

बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) को सिर्फ बुलेमिया भी कहा जा सकता है। यह एक ईटिंग डिसऑर्डर है, यानी यह एक तरीके का भोजन विकार होता है।

यह सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा परंतु हां ऐसा ही होता है। बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) एक तरीके की बीमारी होती है जिसका संबंध बहुत हद तक दिमाग से भी होता है। सच पूछिए तो यह एक मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति बहुत ज्यादा मात्रा में खाना खा लेता है। इतना खाना खा लेता है कि उसका पेट बाहर से फूला हुआ दिखाई देने लगता है। खाने के बाद व्यक्ति को एहसास होता है कि उसने बहुत खा लिया है तो फिर वह उस खाने को किसी जरिए से निकालने की कोशिश करता है जैसे उल्टी, व्यायाम या दस्त। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति का मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है। उसकी जीवनशैली प्रभावित होती है। यहां तक कि उसकी दिनचर्या व रिश्तो में भी बहुत ज्यादा बदलाव आ जाता है।

इस दुनिया में खाना खाना सबसे जरूरी चीज होती है। व्यक्ति का जीवन खाने-पीने पर निर्भर रहता है। यदि उसे खाना पानी ना मिले तो व्यक्ति मर भी सकता है परंतु खाना खाने का एक तरीक़ा और हद होती है। ज्यादा खाना या कम खाना भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है। खाने को हमेशा नियमित तरीके से खाना चाहिए। अनियमित तरीके से भोजन को खाना नुकसानदेह हो सकता है। 

बहुत से लोग अपनी जुबान पर काबू नहीं कर पाते और वह इतना खाते हैं कि उनके शरीर में कैलोरीज बढ़ जाती हैं। उनको जो भी खाद्य पदार्थ दिखाई देता है वह खा लेते हैं जिससे उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। जब वह इस प्रभाव को देखते हैं कि वे बहुत मोटे लग रहे हैं तो वे उस खाने को निकालने के लिए कोशिश करने लगते हैं, जिसको बुलिमिया नर्वोसा कहते हैं। यह एक तरीके की बहुत बड़ी समस्या है। आज के इस शीर्षक में हम इससे संबंधित बात करेंगे और जानेंगे कि बुलिमिया क्या होता है? क्यों होता है? इसके लक्षण और कारणों के बारे में बताएंगे ताकि हम इस समस्या से बचे रहें।

तो आइए जानते हैं बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) क्या है? What is Bulimia Nervosa in hindi

बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) एक प्रकार का भोजन विकार है जिसमें व्यक्ति पहले बहुत ज्यादा खा लेता है फिर उस खाने को उल्टी या किसी और तरीके से निकालता है। इसी को बुलिमिया नर्वोसा कहते हैं। बुलिमिया से पीड़ित लोगों का सामान्य रूप से ​वज़न ज़्यादा होता है। इसे देखकर लोग पता नहीं लगा पाते कि उन्हें बुलिमिया मतलब भोजन विकार है। बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) से पीड़ित लोग अपने शरीर की छवि और आकार को लेकर बहुत चिंतित रहते हैं। ऐसे व्यक्तियों को हमेशा वजन बढ़ जाने का डर सताता रहता है।

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बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) के लक्षण / Bulimia Nervosa symptoms in hindi

आइये जानते हैं बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) के लक्षण क्या हैं –

  • बहुत ज्यादा खाना खा लेना। इतना कि उसे उल्टी के द्वारा निकाला जाए
  • बार-बार अपने शरीर के आकार और वज़न के बारे में चिंतित रहना 
  • बुलेमिया नर्वोसा के लक्षण में सबसे बड़ा लक्षण यह है कि व्यक्ति को हर समय अपने वज़न के बढ़ने का डर सताता रहता है
  •  बहुत ज़्यादा डाइटिंग करना
  • बुलिमिया नर्वोसा का लक्षण यह भी है कि व्यक्ति पर्याप्त या आवश्यकता से अधिक खा लेता है अर्थात् पेट भरने के बाद भी खाते रहना
  • खाना खाने के बाद व्यायाम करना ताकि खाने से उत्पन्न कैलोरीज को कम किया जा सके।
  • जान बूझकर उल्टी करना
  • बहुत ज्यादा खा लेने के बाद उल्टी, लैक्सटिव (Laxatives), व्यायाम, डाइयुरेटिक्स (Diuretics) या एनीमा (Enema) का प्रयोग करना 
  • मोटापे को कम करने के लिए हर्बल उत्पादों या अन्य दवाइयों का सेवन करना
  • मोटापे को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित रहना और उसके बारे में बहुत बात करते रहना। 
  • अपने शरीर को लेकर नकारात्मक विचार रखना
  • गले में उँगली डाल कर उल्टियां करना।
  • दांत और मसूड़े ख़राब होना
  • छुपकर खाना खाना। सबके सो जाने के बाद रसोई घर में जाना या खाने के लिए अकेले ही घर से बाहर जाना
  • खाना खाते समय खाने पर नियंत्रण ना रखना। शारीरिक दर्द होने के बावजूद खाना खाते रहना।
  • पोषण से भरपूर खाना ना खाना बल्कि जंक फूड और अजीब अजीब चीजें खाते रहना खासतौर से बासी खाना खाना
  • दांतों का पीला होना
  • तनावअवसाद के बावजूद खाने में कमी ना होना
  • हड्डियों का पतला होना
  • भंगुर बाल और नाखून होना
  • सूखी और पीली त्वचा हो जाना
  • पूरे शरीर में महीन महीन बाल उगने लगना
  • धीमी गति से साँस लेना
  • कब्ज़ हो जाना
  • हर वक्त सुस्ती रहना
  • बांझपन

बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) के कारण / Bulimia Nervosa reason in hindi

यह बात चिंता से भरी हुई है कि इतनी ज्यादा साइंस ने तरक्की कर ली परंतु अभी तक बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) का मुख्य कारण पता नहीं चल पाया है। बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) के कई कारण बताए जाते हैं। उनमें से कुछ कारण यह हैं, जिससे बुलिमिया नर्वोसा होने की संभावना और बढ़ जाती है जैसे जेनेटिक्स, मानसिक स्वास्थ्य, समाज में रहन-सहन के तरीके। अगर ये समस्या परिवार में चली आ रही है तब भी आपको बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) होने की संभावना बढ़ जाती है। लड़कियों और महिलाओं में पुरुषों से अधिक बुलिमिया होने की संभावना होती है। बुलिमिया नर्वोसा ज्यादातर किशोरावस्था में शुरू होता है। आइए जानते हैं कि बुलिमिया नर्वोसा के कारण क्या हैं?

तनावपूर्ण घटनाएं

जीवन में तनावपूर्ण घटनाओं का हो जाना जैसे  प्रियजन का निधन, नौकरी चले जाना या तलाक जैसी घटनाएं बुलिमिया नर्वोसा के लक्षणों को भड़का सकती हैं।

जेनेटिक्स  (Genetics)

बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) होने का एक बड़ा कारण जेनेटिक्स या वंशानुगत होता है। जिस भी व्यक्ति के परिवार में किसी व्यक्ति को बुलिमिया नर्वोसा यानी भोजन विकार है तो संबंधित व्यक्ति को भी यह बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। माता-पिता, बहन-भाई या बच्चों में से किसी को ये विकार हो तो आने वाले लोगों में भी यह समस्या हो सकती है। बचपन या किशोरावस्था में ज़्यादा वज़न होने के कारण भी ये समस्या आ सकती है।  

मानसिक तनाव 

बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) होने का कारण मानसिक तनाव भी हो सकता है क्योंकि मानसिक तनाव के कारण व्यक्ति में कई सारे विकार उत्पन्न होते हैं जिनमें से बुलिमिया नर्वोसा भी एक है। 

मानसिक तनाव जैसे चिंता या अवसाद रहना। 

नशीले पदार्थ 

ड्रग्ज़ या नशीली चीजों का इस्तेमाल करने या लेने से भी ये भोजन विकार हो सकता है। बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) से पीड़ित लोग अपने बारे में बहुत ज्यादा नकारात्मक विचार रखते हैं। कई बार तो भोजन विकार होने के लिए कोई बड़ा सदमा या पर्यावरणीय फ़ैक्टर जैसे शोर, गंदगी, भीड़ भी ज़िम्मेदार हो सकते हैं।

डाइटिंग 

डाइटिंग का मतलब होता है कि खाना ना खाना या बहुत कम खाना खाना। जो लोग डाइटिंग करते हैं उन्हें भोजन विकार होने की ज़्यादा सम्भावना होती है। बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) एक ऐसा विकार है जिसमें व्यक्ति बहुत ज्यादा खा लेता है या बिलकुल भी खाना नहीं खाता जिसके कारण उसके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। डाइटिंग खुद से नहीं करनी चाहिए। डाइटिंग के लिए किसी एक्सपर्ट से सलाह लेना चाहिए। यदि लोग खुद से बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह के डाइटिंग कर लेते हैं तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। डाइटिंग की जरूरत हर व्यक्ति को नहीं होती। डाइटिंग का एक चार्ट होता है जो बताता है कि किस समय पर क्या खाना चाहिए। बहुत से लोग भूखे रहने को डाइटिंग समझते हैं और वह कुछ नहीं खाते हैं जबकि उनके शरीर को उसकी आवश्यकता होती है।

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बुलिमिया नर्वोसा से कैसे बचा जाए / How to avoid Bulimia Nervosa in hindi

बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) से बचने की कई सारे उपाय हैं। इन उपायों को अपना कर व्यक्ति खुद इस विकार को कम कर सकता है। यदि वह इस विकार पर नियंत्रण नहीं कर पाएगा तो उसे आगे चलकर बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कि भोजन विकार से कैसे बचा जाए।

  • व्यक्ति को चाहिए कि वह खुद को समझाएं कि ज्यादा खाना नहीं खाना है और नियमित तौर पर ही खाने का सेवन करें। समय के अनुसार खाना खाएं, और खाने में पोषन से भरपूर चीजें शामिल करें। जंक फूड से परहेज करें, क्योंकि इससे मोटापा बढ़ता है इसके साथ-साथ व्यक्ति के मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • समय के अनुसार खाना खाएं और याद रखें कि ऐसा ना करें कि एक ही बार में सारा खाना खा लें। थोड़ा-थोड़ा करके खाना कई बार में खाएं।
  • हद से ज्यादा  व्यायाम ना करें।
  • खाना खा लेने के बाद जबरदस्ती उल्टी करने से परहेज करें।
  • सकारात्मक विचार रखें और नकारात्मक चीजों से दूर रहें। यदि आप ऐसा करेंगे तो आपके अंदर से जो ऊर्जा उत्पन्न होंगी वह आपको पॉजिटिविटी की तरफ ले जाएंगी अन्यथा आप नकारात्मक विचार के नाते खुद को ही परेशान करेंगे।
  • बार-बार खाना खाना और अपने खाने की आदत पर नियंत्रण ना पाना यह बहुत बड़ी समस्या है। इसी आदत पर यदि आप नियंत्रण पा लें तो आप इस विकार से बच सकते हैं।
  • जिस व्यक्ति को बुलिमिया है उसे चाहिए कि वह मनोचिकित्सक के पास जाए और थेरेपी के जरिए से वह इसका इलाज करवाए। 
  • कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive behavioral therapy या CBT) भी बुलिमिया से पीड़ित व्यक्तियों के लिए रामबाण इलाज बताया गया है। कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी रोगी को नकारात्मक ख्यालों से छुटकारा दिलाने और सकारात्मक सोच और स्वस्थ व्यवहार अपनाने में मदद करती है।
  • इंटरपर्सनल मनोचिकित्सा (Interpersonal psychotherapy) भी बहुत ज्यादा कारगर होती है। इस थेरेपी के द्वारा बुलिमिया के रोग को खत्म करने में बहुत ज्यादा फायदा होता है। ये थेरेपी आपके आपसी-मतभेद दूर करने और दूसरों से बोल-चाल या करीबी संबंधों में आने वाली परेशानियां हल करने में मदद करती है। 
  • डायलेक्टिकल व्यवहार थेरेपी (Dialectical behavior therapy) मनोचिकित्सक बुलिमिया के खत्म करने में इस्तेमाल करता है। ये थेरेपी आपको अपना व्यवहार सुधारने और तनाव दूर करने में मदद करती है। दूसरों से संबंध सुधारने और अपनी भावनाओं पर काबू रखने में भी ये थेरेपी मदद करती है। 
  • परिवारिक मदद के जरिए से भी इस बीमारी को खत्म किया जा सकता है यदि आपके परिवार के लोग आपकी सहायता करते हैं तो आपको काफी हद तक फायदा मिलेगा।
  • दवाओं के द्वारा भी इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। मनोचिकित्सक रोगी को एंटी डिप्रेशन दवाइयां देते हैं जिससे चिंता दूर हो जाती है।
  • जिस बीमारी से आप ग्रस्त हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी रखना बहुत ज़रूरी है। ऐसे व्यक्ति को चाहिए कि वह अपनी बीमारी से घबराए नहीं बल्कि अपनी इस बीमारी का डट कर सामना करे। जहां तक हो सके खुद को प्रेरित रखें और इलाज ढंग से करते रहें।
  • खुद को दूसरों से दूर ना रखें बल्कि लोगों से मिलते जुलते रहे। इससे बुलिमिया की बीमारी में बहुत कमी आएगी।

निष्कर्ष / Conclusion

बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और उसके द्वारा बताई गई बातों को अपनाना चाहिए। यदि वे कोई दवाई देते हैं तो उसे नियमित समय पर ही लें। लापरवाही ना बरतें।

यह कोई इतनी बड़ी बीमारी नहीं है। इस विकार को खुद पर नियंत्रण रखकर ठीक किया जा सकता है। व्यक्ति को अपने भोजन का ख्याल रखना चाहिए। जरूरत है तो इस बात की कि व्यक्ति को खुद पर नियंत्रण करना आना चाहिए। यदि वह खुद पर नियंत्रण नहीं कर पाता है तो उसको कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

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