ओमीक्रॉन वायरस क्या है? जाने इसके लक्षण, बचाव और पूरी जानकारी

इस ब्लॉग में हम जानेंगे “ओमीक्रॉन वायरस क्या है? जाने इसके लक्षण, बचाव और पूरी जानकारी

कोरोना वायरस (Coronavirus) का एक नया प्रकार ‘ओमीक्रॉन वायरस’ (Omicron Virus) के रूप में दुनिया के सामने आया है। इस संक्रमण के बारे में अभी शोध जारी है परंतु इसके बारे में कई अफवाहें फैल रही हैं।

ओमीक्रॉन संक्रमण को कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक माना जा रहा है परंतु इसके बारे में कोई भी बात किसी भी वैज्ञानिक ने स्पष्ट नहीं कही है। वैज्ञानिक अपने देश में पाए जाने वाले मामले व उस पर की गई रिसर्च के अनुसार वायरस से संबंधित बातें बताते हैं।

अब आपके दिमाग में डेल्टा वैरीएंट के बारे में सवाल आ रहा होगा तो हम आपको बताते चलें कि डेल्टा वैरीएंट (delta variant) हिंदुस्तान में पाया गया था जिसमें नौ म्यूटेशन होती हैं। इसका मतलब यह कि यह वायरस अपना रूप बदल बदल कर आता है परंतु यह जानना हमारे लिए जरूरी है कि यह वायरस कहां से आया है। बूटस्वाना देश जो दक्षिण अफ्रीका में है यह वायरस वहां से सर्वप्रथम आया था।

बाद में कई सारे शोध से यह भी पता चला कि यह वायरस यूरोपीय देशों में से एक देश नीदरलैंड से आया है। ऐसा इसलिए क्योंकि डच हेल्थ ऑथर ने बताया कि जब कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों का सैंपल लिया जा रहा था तो जांच में ओमीक्रॉन वायरस वैरीएंट के भी कुछ लक्षण पाए गए थे।

इसके अलावा आज इस वायरस से कई सारे संक्रमित व्यक्ति तकरीबन 22 देशों में पाए गए हैं। इनमें इटली, बेल्जियम, जर्मनी, नीदरलैंड, ब्रिटेन, इसराइल, हॉन्ग कोंग, चेक रिपब्लिक जैसे देश शामिल हैं। दक्षिण अफ्रीका ने जैसे ही अपने यहां ओमीक्रॉन वायरस को पाया उन्होंने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लूएचओ) (World Health Organisation) को तुरंत जानकारी दी। उनके जानकारी देने के बाद यूरोपीय देशों ने उनके साथ लेन देन और कारोबारी मामले करने से मना कर दिया और वहां इन सब पर पाबंदी लग गई।

हालांकि नीदरलैंड, बेल्जियम और जर्मनी ने भी बताया कि उनके यहां भी ऐसे मामले पाए गए हैं परंतु उन देशों पर किसी भी तरह का कोई भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया।

दक्षिण अफ्रीका ने 24 नवंबर को जब इस नए वेरिएंट के बारे में बताया तो डब्ल्यूएचओ ने इस वायरस को वैरीएंट ऑफ कनसर्न (Variant of Concern) बताया था।

इस ओमीक्रॉन वायरस को B.1.1529 के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही में भारत के कर्नाटक राज्य में ओमीक्रॉन वायरस के दो लोग मिले हैं। इसकी जानकारी संयुक्त सचिव स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि 66 साल और 46 साल के दो व्यक्तियों में ओमीक्रॉन वायरस पाया गया है। यही नहीं बल्कि ओमीक्रॉन वायरस में 32 म्यूटेशन भी पाई गई हैं। म्यूटेशनयन का मतलब यह है कि वायरस असामान्य तरीके से लगातार कई सारे रूप बदल बदल के आया है। अब तक कोरोना वायरस के 50 म्यूटेशन हो चुके हैं जिनमें सबसे ज्यादा म्यूटेशन (32) ओमीक्रॉन वायरस में पाए गए हैं।

क्या ओमीक्रॉन वायरस खतरनाक है? | Is Omicron virus dangerous in Hindi

इसके बारे में अभी कोई भी बात स्पष्ट रूप से नहीं कही जा सकती है। कई वैज्ञानिकों ने बताया है कि इसके जो भी मामले मिले हैं उनमें से कोई भी अभी तक खतरनाक नहीं है परंतु इसकी चर्चा लोगों में बहुत ज्यादा है।

लोगों में इस वायरस के प्रति भय बैठ गया है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अभी लोगों ने सांस लेना शुरू ही किया था कि इस ओमीक्रॉन वायरस ने आकर लोगों में हलचल मचा दी। इस वायरस के प्रति लोगों में यह डर बढ़ गया है कि शायद लॉकडाउन लग जाए जिसके कारण उनकी डेली लाइफ़ खराब हो सकती है।

इस संक्रमण के बारे में नीति आयोग के डॉक्टर विनोद कुमार पॉल ने बताया है कि अभी तक कोई भी ऐसी बात नहीं आई है जिसके कारण लॉकडाउन लगाया जाए। उन्होंने लोगों को चिंता ना करने के बजाय इस चुनौती को मात देकर खुद को सँभालने की बात की है।

इस वायरस के बारे में बताई गई सारी बातें अफवाहों के रूप में सामने आ रही हैं परंतु हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अभी इस पर शोध जारी है।

इस वायरस के कारण अभी तक किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। इस वायरस को इतना खतरनाक नहीं बताया जा रहा है लेकिन यह वायरस चिंता का विषय माना जा रहा है।

अब जो ये वायरस फैल रहा है वो आने वाले समय में कितनी तबाही मचाएगा इसके बारे में वैज्ञानिकों के अपने अपने मत सामने आ रहे हैं। वैसे तो इस वायरस के लक्षणों के मामले में भी वैज्ञानिकों को कुछ स्पष्टीकरण नहीं मिल पा रहा है लेकिन फिर भी संकेत यही है कि ये वायरस भी मानवता के लिए ख़तरा साबित हो सकता है।

इस वायरस के लक्षणों के मामले में यह कहा जा रहा है कि ये वायरस बिना किसी लक्षण को दिखाये ही व्यक्ति को प्रभावित कर रहा है। कुछ मामलों में ओमीक्रॉन वायरस के लक्षणों को स्पष्ट न होने की बात की जा रही है तो वहीं कई उपलब्ध सूत्रों के अनुसार ओमीक्रॉन वायरस के कुछ साधारण लक्षणों के बारे में बताया जा रहा है। हम यहाँ पर इस बात पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे कि इस वायरस के लक्षण क्या हो सकते हैं। तो आइए एक नज़र डालते हैं इस वायरस के अब तक के दिखे लक्षणों पर।

ओमीक्रॉन वायरस के लक्षण | Omicron virus symptoms in Hindi

  •  तेज़ बुखार चढ़ना
  • शरीर में दर्द होना
  • थकावट महसूस करना
  • कमजोरी लगना
  • सूखी खांसी आना
  • गले में दर्द होना
  • सर में दर्द होना
  • रात के समय पसीना आना
  • सर्दी जुकाम होना

ओमीक्रॉन वायरस के लक्षण के बारे में अभी शोध जारी है परंतु जो भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हैं और ऐसे लक्षणों से जूझ रहा है तो उस पर नियंत्रण रखने की काफी कोशिश की जा रही है। हमें कोरोना वायरस के लिए बतायी गई समस्त गाइडलाइंस का भली भाँति पालन करना चाहिए। किसी भी प्रकार की कोई समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।

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ओमीक्रॉन वायरस से बचाव | Protection from Omicron virus in Hindi

अगर हमारा इम्यून सिस्टम सही रहेगा तो हम बीमारियों से बचे रहेंगे क्योंकि इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी के कारण ही हम पर बीमारियां आक्रमण कर देती हैं।

हमेशा अपने खान-पान का अच्छे से ध्यान रखें। नशीली चीजों या ऐसी चीजें जो इम्यून सिस्टम को कमजोर करती है उनसे दूर रहें।

इसके साथ ही कोरोना वायरस के लिए बतायी गई समस्त प्रकार की गाइडलाइंस का भलीभाँति पालन करें और अपने आपको कोरोना से बचाने का प्रयास करें।

ओमीक्रॉन वायरस कितना ख़तरनाक होगा इसका अब तक कोई अंदाज़ा नहीं लगाया जा सका है इसलिए मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग करते रहें। अपने हाथों को बार बार धोना भी ज़रूरी है। इसी के साथ साथ यदि आपको अभी तक वैक्सीन नहीं लगी है तो वैक्सीन भी अवश्य लगवाएं।

कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि ये वैक्सीन शरीर में कोरोना वायरस तथा इसके अन्य वेरिएंट्स के ख़िलाफ़ लड़ने की क्षमता उत्पन्न करती है।

कोरोना वायरस गोल होता है। उस पर जो कांटे लगे हैं उसको स्पाइक कहते हैं। ये एम आर एन ए (mRNA) हमला करता है और उसके जरिए इंसानों की कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए रास्ता निकालता है। यह वायरस स्पाइक प्रोटीन के जरिए व्यक्ति के शरीर में घुसता है। इसलिए वैक्सीन के जरिए इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जाता है।

जब शरीर को कोरोना की वैक्सीन दी जाती है तो ऐसे में शरीर कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ने के लिए एक सेना को तैयार करना शुरू कर देता है।

कोरोना वैक्सीन एम आर एन (mRN) और रियेक्ट बेस (React base) वैक्सीन है। इसमें अमेरिका की फिज़र (Pfizer) और मॉडेर्ना वैक्सीन (Moderna vaccine) भी शामिल है। इसके साथ साथ ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका (Astrazeneca) और रूस की स्पुतनिक-वी (Sputnik-V) वैक्सीन भी है। यह सारी वैक्सीन्स वायरस के स्पाइक प्रोटीन पर हमला करके वायरस को हराती हैं।

एक चिंता का विषय है ये उभर कर सामने आ रहा है कि अब न्यूट्रीशन के बाद कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की संरचना में बदलाव आ गया है। ऐसे में पुरानी वैक्सीन इस वायरस को हरा पाएंगी या नहीं इस पर मतभेद उत्पन्न हो रहा है। वैज्ञानिकों की मानें तो इस तरह के नए वेरिएंट वायरस को हराने के लिए कोरोना की वैक्सीन पर शोध जारी किया जाना चाहिए और उसको वायरस के अनुरूप ही बनाना चाहिए।

ओमीक्रॉन वायरस कोरोना का एक नया वेरियंट बन कर सामने आ रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये वायरस वैक्सीन के असर को कम कर सकता है। यदि यह हमारे शरीर में चला जाता है तो ऐसे में ये शरीर के लिए घातक ज़रूर होगा। हो सकता है कि यह वैक्सीन के असर को कम कर दे।

आपको बताते चलें कि अमेरिका के म्यूडूला कंपनी (Modula Inc)ने सबसे पहले कहा है कि वे इस वायरस की वैक्सीन बनाने वाले हैं। इसी के साथ साथ इस कंपनी के द्वारा उपलब्ध कराई गई कोरोना वायरस की वैक्सीन को भी ओमीक्रॉन वायरस के विरुद्ध एक अच्छी वैक्सीन माना जा रहा है।

इन सबके बावजूद हमें इस वायरस के प्रति लड़ाई लड़नी है और इससे बचना है। तो आइए यहाँ पर कुछ विशेष बातों पर ध्यान देते हैं जिनसे हम अपना बचाव कर सकते हैं-

  • पोषण से भरपूर आहार लें।
  • हल्का गुनगुना पानी पिएँ।
  • मास्क लगाएँ।
  • लोगों से दूरी बनाए रखें।
  • अच्छे से हाथों को धोएं।
  • हर रोज गलाला करें।
  • ठंडे पानी और ठंडी चीजों का सेवन ना करें।
  • हर रोज व्यायाम करें।
  • अपनी जीवनशैली में सुधार लाएं।
  • भांप लें।
  •  अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें।

ओमीक्रॉन वायरस के बारे में कुछ जरूरी बातें | Some important points about Omicron virus in Hindi

ओमीक्रॉन वायरस के बारे में कुछ ऐसी बातें निकल कर बाहर आ ही हैं जिनका जानना जरूरी है। ओमीक्रोन वायरस का वेरीएंट डेल्टा वेरियंट्स से ज्यादा खतरनाक है। यह बात इटली के एक वैज्ञानिक ने बताया है। आरटी पीसीआर टेस्ट (RT-PCR test) के द्वारा ओमीक्रॉन वायरस का पता लगाया जा सकता है। ओमीक्रॉन वायरस के लक्षण अभी तक गंभीर नहीं पाए गए हैं परंतु यह गंभीर भी हो सकते हैं। हमें हमेशा सावधानी रखनी चाहिए।

Conclusion | निष्कर्ष

ओमीक्रॉन वायरस इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में है। हर देश के समाचार और लोगों की जबान पर सिर्फ और सिर्फ इसकी ही बातें हैं। बहुत से शोध अभी जारी हैं और कई वैज्ञानिकों ने अपने अपने देश के बारे में अलग-अलग बातें बताई हैं परंतु किसी एक ही बात पर सभी अटल नहीं है।

इसलिए किसी भी अफवाह को ना मानें। ओमीक्रॉन नामक वायरस से बचने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए।

इस मामले में बिलकुल भी लापरवाही न बरतें क्योंकि ये वायरस ख़तरनाक ही है। भले ही इसके लक्षणों के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं उपलब्ध हो पा रही है लेकिन एक बात का ख्याल अवश्य रखें कि ये वायरस पहले के वायरस से ज़्यादा ख़तरनाक साबित हो सकता है। इसलिए लापरवाही भारी पड़ सकती है।

लेख से संबंधित सवालों और सुझावों को आप कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर कर सकते हैं।

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